
अमेरिका के बाद अब यूरोपियन यूनियन ने भी भारत को सख्त मेसेज भेज दिया है — “रूस से तेल खरीदोगे तो झेलोगे!”
रूस से कनेक्शन रखने के आरोप में EU ने भारत की तीन कंपनियों पर प्रतिबंध जड़ दिए हैं। ये वही कंपनियाँ हैं जो रूस के साथ तेल और टेक्नोलॉजी ट्रेड में जुड़ी बताई जा रही हैं।
यानी अब अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नया इशारा साफ है — “जो रूस का यार है, वो EU का प्यार नहीं पा सकता!”
तीन भारतीय कंपनियाँ EU की ब्लैकलिस्ट में – नाम सुनिए ध्यान से!
यूरोपियन यूनियन की नई लिस्ट में तीन इंडियन कंपनियाँ शामिल हैं:
- Aerotrust Aviation Pvt Ltd – रूस को टेक्निकल सपोर्ट देने का आरोप।
- Ascend Aviation India Pvt Ltd – एक्सपोर्ट बैन उल्लंघन का आरोप।
- Shree Enterprises – रूस की मिलिट्री को अप्रत्यक्ष फंडिंग का शक।
EU का दावा है कि ये कंपनियाँ रूस के युद्ध प्रयासों को “इंडायरेक्ट सपोर्ट” कर रही थीं। लेकिन भारत की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है — शायद “Wait and Watch” मोड में है सरकार।
अमेरिका पहले ही लगा चुका है आर्थिक ‘टैरिफ टॉनिक’!
इससे पहले अमेरिका रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों को बैन कर चुका है। और तो और, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ पैनल्टी ठोक दी — ताकि भारत का “रूसी तेल प्रेम” थोड़ा ठंडा पड़े। अब EU के कदम से भारत पर एक और आर्थिक प्रेशर बढ़ गया है। लगता है दुनिया की नई जंग सिर्फ हथियारों की नहीं, तेल की सप्लाई चेन की है!
EU की पूरी ‘सप्लाई-स्नैप’ स्ट्रैटेजी
यूरोपियन यूनियन ने कुल 45 कंपनियों पर कार्रवाई की है — 12 चीन और हांगकांग की, 3 भारत की, 2 थाईलैंड की, और बाकी यूरोप-बेस्ड शेल कंपनियाँ हैं जिनका “रूसी तेल से दिल का रिश्ता” है।
EU का मकसद साफ है — “रूस को आर्थिक रूप से थकाओ, ताकि यूक्रेन की जंग में फंडिंग रुक जाए।”

भारत के लिए डिप्लोमैटिक ‘Catch-22’ – दोस्त भी नाखुश, डील भी जरूरी!
भारत ने अब तक रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी एनर्जी बास्केट बचाई हुई है। लेकिन अब सवाल ये है — क्या भारत दबाव झेलेगा या फिर ‘रूस वाला रास्ता’ जारी रखेगा?
क्योंकि तेल ही वो चीज है जो अब पॉलिटिक्स से ज्यादा पॉकेटिक्स बन चुकी है!
“तेल की दोस्ती में कौन बनेगा करोड़पति?”
अमेरिका और EU एक तरफ, रूस दूसरी तरफ और बीच में भारत — स्थिति कुछ ऐसी है जैसे शादी में DJ बंद करने पर बाराती और दूल्हे के बीच फँसा DJ वाला!
सबको खुश रखना है, लेकिन म्यूज़िक भी बंद नहीं करना।
Global Oil Game अब भारत के कोर्ट में!
भारत के लिए ये वक्त कूटनीति का सबसे बड़ा टेस्ट है। EU के बैन से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रेशर बढ़ा है, लेकिन भारत की पॉलिसी अब तक यही कहती है — “नेशनल इंटरेस्ट फर्स्ट, बाकी सब सेकेंड हैं।”
“रोहित ने संभाला, कोनोली ने उड़ा दिया – टीम इंडिया का ‘डाउन अंडर’ डाउन
